1. इंडो ग्रीक या हिंदू यूनानी वंश
इनका मूल स्थान बैक्ट्रिया (अफगानिस्तान) था!
✴️डेमिट्रीयस प्रथम-
भारत की सीमा पर आक्रमण करने वाला प्रथम यूनानी यवन आक्रमणकारी था!
इसने 183 ईसवी पूर्व साकल को जीता!
Note-साकल वर्तमान का सियालकोट (पंजाब)हैl
✴️ मिनांडर-
यह सबसे प्रतापी हिंदू यूनानी शासक था!
बौद्ध साहित्य में से मिलिन्द कहा गया है!
बौद्ध ग्रंथ मिलिन्दपन्हो में मिनांडर और नागसेन के बीच संवाद का वर्णन किया गया है!
इसी ने सर्वप्रथम भारत में सोने के सिक्के चलाए!
इनकी राजधानी साकल इस समय शिक्षा का प्रमुख केंद्र था!
🎇 यूनानीयों की भारत को प्रमुख देन-
राजस्व देवी सिद्धांत
सोने के सिक्के निर्माण
मुद्रा पर राजाओं के नाम व तिथि अंकित
भारत में ज्योतिष कला का विकास
रंगमंच यावनिग(पर्दे) का शुभारंभ
भारत में एक नवीन शैली का उदय
हेलेनिस्टिक( पत्थर की कला) कला का विकास
🏵शक🏵
शक मूलतः सीरिया के उत्तर में निवास करते थे!
इन्होंने बोलन दर्रे से भारत में प्रवेश किया था!
शको की कुल पांच तक आए थे इसमें से 2 शाखाओं ने भारत में शासन किया था!
✴️क्षहरात वंशीय शक-
इस वंश के संस्थापक मोगा या माउस ने की
इस वंश की राजधानी नासिक थी जिसका प्राचीन नाम जोगलथम्बी था!
इस शाखा के प्रमुख शासक भूषण, नहपान थे!
✴️कार्दमक वंशीय शक-
इस वंश के संस्थापक चस्टर था!
अंधो अभिलेख जो सौराष्ट्र से प्राप्त हुआ है जिसमें चस्टर ने अपने पौत्र रुद्रदामन के साथ मिलकर शासन किया था यह भारत में प्रथम सहशासन का उदाहरण है!
रुद्रदामन जयदामन का पुत्र था!
रुद्रदामन-
जूनागढ़ अभिलेख अर्थात गिरनार अभिलेख से पता चलता है कि इस के राज्यपाल सुविशाख ने सुदर्शन झील का पुनः निर्माण कराया था!
जूनागढ़ अभिलेख अशुद्ध संस्कृत भाषा में खुद वाया गया भारत का प्रथम अभिलेख है!
महत्वपूर्ण तथ्य-
कार्दमक ईरान की एक नदी है इस वंशि का नाम इसी नदी के नाम पर है!
यह शासक संस्कृत प्रेमी शासक कहलाते हैं!
भारत में सर्वप्रथम तिथि युक्त चांदी के सिक्के इन्होंने ही चलाए थे!
इनके शासन का अंत चंद्रगुप्त द्वितीय ने किया था! और विक्रम संवत(57 ई.पू.)चलाएं!
🏵पार्थियन या पहलव वंश🏵
यह मूल रूप से ईरान के निवासी थे!
इस वंश का संस्थापक मिथ्रोडेट्स प्रथम था!
✴️गोन्दोफर्नीज-
पेशावर के तख्त ए बही अभिलेख में इसे गुदलूर कहा है!
भारतीय लेखकों ने इसका नाम बिंदुफरण बताया!
इस वंश का अंत कुषाणो ने किया थ
🏵कुषाणो का उदय🏵
यह मूल रूप से चीन तथा तुर्किस्तान के थे!
कुषाण एक कबीले का नाम है इनकी जाति युची थी!
कुषाणो को टोचेरियन भी कहा जाता है!
यह मूल रूप से चीन के रहने वाले थे परंतु भारत में मध्य एशिया से आए!
भारत में इस वंश का संस्थापक कडफिसस संघ ने की!
✴️ कुजुल कडफिसस -
यह किस वंश का संस्थापक था!
✴️विम कडफिसस-
भारत में सर्वप्रथम सोने के सिक्के चलाएं
यह शैव धर्म को मानता था तथा इसने महेश्वर की उपाधि धारण की थी!
✴️कनिष्क (78-105 ईसवी)
कनिष्क का राज्यभिषेक 78ई.में हुआ तब से शक संवत चलाया गया!
Note- शक संवत चैत माह (21/22 मार्च) से आरंभ होता है!
बौद्ध धर्म का संरक्षण करने के कारण इसे द्वितीय अशोक के नाम से भी जाना जाता है!
इसकी राजधानी पेशावर (पुरुषपुर) और मथुरा थी!
इसने सीजर की उपाधि धारण की थी!
इसके समय गांधार वह मथुरा कला की शैली जन्म लेती है!
इसने पाटलिपुत्र पर आक्रमण किया और यहां से महान बौद्ध विद्वान अश्वघोष व महात्मा बुद्ध का भिक्षापात्र ले आया!
इसने सर्वप्रथम चीन रोम जाने वाले सिल्क मार्ग पर अधिकार किया था!
इसमें चीन के राजा पनचाओ को हराया था इसलिए इसे प्रथम अंतरराष्ट्रीय शासक भी कहते हैं!
इसी के समय कुंडवन(कश्मीर) में चौथी बौद्ध संगीति भी हुई थी!
इसने कश्मीर में कनिष्कपुर की स्थापना की!
कनिष्क के दरबार में विद्वान-
अश्वघोष- इसने बुद्धचरित्र नाम का ग्रंथ लिखा जिसे बौद्ध धर्म का रामायण कहते हैं!
नागार्जुन- इसने माध्यमिक सूत्र (इसमें सापेक्षता का सिद्धांत प्रतिपादित किया है) माध्यमिककारिका, शून्य सप्तशती
वसुमित्र- इसने महाविभाष्यशास्त्र की रचना की!
🏵गांधार कला व मथुरा कला-
✴️गांधार कला-
यह कला गहरे नीले व काले पत्थर में होती थी!
इस कला के संरक्षक शक व कुषाण थे!
यह कला यथार्थवादी थी!
इस कला से मुख्यतः बौद्ध मूर्तियां बनती थी!
✴️ मथुरा कला-
यह कला लाल पत्थर पर बनाई जाती थी
इस कला को संरक्षण कुषाण ने दिया था
यह आदर्शवादी कला है!
इसमें बौद्ध जैन ब्राह्मण सभी प्रकार की मूर्तियां बनती थी!
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