✴️ प्रागैतिहासिक काल ✴️
प्रागैतिहासिक काल ऐसा काल जिसका कोई लिखित साक्ष्य नहीं मिला
✴️ इस काल की खोज का श्रेय रॉबर्ट ब्रूस फुट को जाता है 30 मई 1863 चिंगलपुट जिला मद्रास के पल्लवरम में लैटेराइट मृदा से निर्मित हस्त कुठार की खोज की!
नोट- रॉबर्ट ब्रूस फुट को प्रागैतिहासिक काल का पिता कहा जाता है!
🟠प्रागैतिहासिक काल को तीन भागों में बांटा गया-
1- पुरापाषाण काल
2- मध्य पाषाण काल
3- नवपाषाण काल
1-पुरापाषाण काल- इस काल में मनुष्य शिकार कर अपना जीवन यापन करता था इस कारण इसे आखेटक युग भी कहा जाता है इसके अध्ययन को तीन भागों में बांटा गया-
1- निम्न पुरापाषाण काल
2- मध्य पूरापाषाण काल
3- उच्च पुरापाषाण काल
✴️ निम्न पुरापाषाण काल-
👉 अग्नि का ज्ञान
👉 मानव ने सर्वप्रथम क्वार्टजाइट पत्थर का प्रयोग किया
नोट- उपकरणों के आधार पर निम्न पुरापाषाण काल को दो भागों में बांटा गया है-
1-चौपर या चापिंग पेबुल संस्कृति- इस संस्कृति का साक्ष्य पंजाब कि सोहन नदी घाटी से मिला है!
2- हैण्ड एक्स संस्कृति- 30 मई 1863 में रॉबर्ट ब्रूस फुट ने पल्लवरम में हैंड एक्स की खोज की थी!
Imp- 1982 अरुणसोनकिया ने हथनोरा (नर्मदा नदी के मध्य का स्थान) होशंगाबाद(mp) में मानव कपाल खोजा गया जो मानव अस्थि का पहला साक्ष्य है!
✴️ मध्य पुरापाषाण काल-
👉इस समय जैस्पर,चर्ट,फिलेट का प्रयोग किया गया!
Imp- फलकों की अधिकता के कारण इस काल को एचडी संकालिया ने फलक संस्कृति की संज्ञा दी हैl
✴️ उच्च पुरापाषाण काल-
👉इस काल में धार धार हत्यारों का प्रयोग होने लगा था!
👉आधुनिक मानव (होमोसेपियंस) का उद्गम हुआ!
महत्वपूर्ण तथ्य-
👉 पुरापाषाण काल को खाद्य संग्रहक काल भी कहा जाता है!
👉 यूपी के लोहदानाला नामक स्थान की बेलन घाटी से विश्व की सबसे प्राचीन अस्थि निर्मित स्त्री की मूर्ति प्राप्त हुई है अर्थात मातृ देवी की मूर्ति प्राप्त हुई है!
👉 भीमबेटका की गुफा (मध्य प्रदेश) से मानव की चित्रकारी का प्रथम प्रमाण मिला है इसे मानव द्वारा निर्मित पहला घर भी कहा जाता है!
2. मध्य पाषाण काल-
इस काल में औजार छोटे छोटे पत्थरों के बने होते थे इसलिए इस काल को माइक्रोलॉपिक या सूक्ष्मपाषाण काल कहते हैं!
सर्वप्रथम 1857 में सी.एल. कार्लाइल ने विन्ध्यक्षेत्र से इस काल में पशुपालन के सर्वप्रथम संकेत मिले!
मध्यपाषाण काल के प्रमुख स्थल-
✴️बागौर (भीलवाड़ा जिला राजस्थान)- 1970 में बीएन मिश्रा ने इस स्थल को कोठारी तट पर खोजा जो मध्यपाषाण काल का सबसे बड़ा स्थल है!
Note- बहुत से स्त्रोतों से पता चलता है कि यहां से पशुपालन के साक्ष्य मिले जो प्रथम साक्ष्य हैं!
✴️ सराय नहर राय (उत्तरप्रदेश)- इस स्थल से युद्ध में हत्या के साक्ष्य मिले हैं और एक कब्र से तीन कंकाल मिले हैं जिसके सर में पत्थर से चोट लगी है!
✴️महदहा- यह स्थान उत्तर प्रदेश में है यहां से स्त्री पुरुष के एक साथ दफनाने के साक्ष्य मिले हैं!
✴️ आजमगढ़ (होशंगाबाद जिला मध्य प्रदेश)- यहां से पशुपालन के प्रथम साक्ष्य मिले हैं!
✴️लंघनाज- गुजरात के इस स्थान से 14 कंकाल प्राप्त हुए हैं!
3. नवपाषाण काल-
इस काल से पाहिए और तिथि के साक्ष्य मिले हैं!
इस काल का प्रथम वर्णन जॉन लूबाक की पुस्तक प्रीहिस्टोरिक में मिलता है!
इस काल का प्रथम साक्ष्य 1842 में डॉक्टर प्राइमरोज द्वारा लिंगसूगूर (कर्नाटक) से प्रथम पोलिसदार कुल्हाड़ी खोजी !
इस युग के प्रमुख स्थल-
✴️मेहरगढ़- यह स्थान पाकिस्तान के बलूचिस्तान में है जहां से कृषि के प्रथम साक्ष्य मिले!
✴️बर्जहोम- यह स्थान कश्मीर में है जहां से मालिक के साथ कुत्ते को दफनाने की साक्ष्य मिले है!
Note- मानव का पहला पालतू पशु कुत्ता था!
सिंधु स्थल रोपड़ पंजाब से भी कुत्ते के साथ मनुष्य दफनाने के साक्ष्य मिले!
✴️गुफकराल- यह स्थल कश्मीर में है जहां से सिलबट्टा मिला!
✴️कोल्डिहवा- यह स्थल बेलन नदी के तट पर इलाहाबाद में है! यहां से चावल के प्राचीनतम साक्ष्य मिले जो 6500 ई.पु. के है!
✴️चिरांद- यह स्थान बिहार में स्थित है यहां से सबसे अधिक हड्डियों के उपकरणो की प्राप्ति हुई है!
✴️चोपानी मांडो- यह स्थान उत्तर प्रदेश में है जहां से विश्व के सबसे प्राचीन हस्त निर्मित मृदभांडो के साक्ष्य मिले है!
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