1. देसी राज्य- शुंग, कण्व, सातवाहन,चेदी
2.विदेशी राज्य- इंडो ग्रीक शक पार्थियन कुषाण
⚫ उत्तर मौर्य काल में उदित देसी राज्य⚫
✴️शुंग वंश(185-149 ई.पू.)✴️
संस्थापक- पुष्यमित्र शुंग
इसे औदभिज्जय भी कहा जाता है!
Note- औद्भिज्जय का अर्थ होता था अचानक उठने वाला
इसे सनातन या ब्राह्मण धर्म का उदाहरण कहा जाता है
इसे अनार्य भी कहा जाता है!
Note- बाणभट्ट की हर्षचरित्र में ऐसे अनार्य का गया!
अंतिम मौर्य राजा बृहद्रथ की हत्या कर यह राजा बना था!
इसे बौद्ध धर्म के उत्पीड़न के लिए भी जाना जाता है इसने 84 हजार बौद्ध विहारओं को तुड़वाया था!
इसका पुरोहित पतंजलि था जिसने महाभाष्य की रचना की है!
कालिदास की रचना मालविकाग्निमित्रम् से यवन आक्रमण की जानकारी मिलती है इसमें पुष्यमित्र शुंग के पुत्र अग्निमित्र व विदर्भ राजकुमारी मालविका का प्रेम प्रसंग का पता चलता है!
हाथी गुफा अभिलेख(उडीसा) के अनुसार कलिंग के राजा खारवेल को पुष्यमित्र शुंग ने हराया था!
भरहुत स्तूप का निर्माण सतना (मध्यप्रदेश) में पुष्यमित्र शुंग ने कराया था जिसकी खोज 1873 में कनिंघम ने की!
बेसनगर अभिलेख(विदिशा mp) इसकी रचना यवन राजदूत हेलियोडोरस ने की थी इसे गरुण स्तंभ लेख भी कहते हैं इसमें सर्वप्रथम भागवत धर्म का वर्णन है इसका संबंध शुंग राजा भागभद्र से है!
शुंग वंश का अंतिम शासक देवभूति था इसकी हत्या वासुदेव कण्व ने की थी!
✴️कण्व वंश✴️
इस वंश का संस्थापक वासुदेव था
इस वंश में चार शासक आए वासुदेव भूमित्र नारायण सुशर्मन.
इस वंश का अंतिम शासक सुशर्मन था जिसकी हत्या शिमुख की थी!
✴️आंध्र सातवाहन वंश✴️
इसका संस्थापक सिमुक सातवाहन था!
इस वंश की राजधानी प्रतिष्ठान/पैठण (महाराष्ट्र) थी!
Note- सातवाहनों ने दक्षिण भारत का प्रथम साम्राज्य स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है!
महत्वपूर्ण- अमरावती शैली का विकास इसी वंश के समय हुआ था!
इस वंश के प्रमुख राजा-
✴️सातकर्णी प्रथम-
इसने एक राजसुय यज्ञ और दो आश्यमेघ यज्ञ कराये थे!
✴️हाल-
यह इस वंश का 17 वा राजा था
इसने सर्वप्रथम सोने के सिक्के चलाए थे
इसने भाषा में एक महत्वपूर्ण ग्रंथ गाथासप्तसती लिखा था!
हॉल के दरबार में प्रमुख कवि-
गुणाढ्य- इसने प्रसिद्ध पुस्तक व्रहतकथा लिखी थी
सर्ववर्मन- इसने प्रसिद्ध पुस्तक कातंत्र लिखी थी
✴️ गौतमीपुत्र सातकर्णि-
यह इस वंश का सबसे महान राजा था!
नासिक से इसके 8000 चांदी के सिक्के मिले है!
नासिक(जोगलथम्बी) अभिलेख मे इसे अद्वितीय ब्राह्मण कहा गया है इस अभिलेख के अनुसार इसके गुणों ने 3 समुंद्र का पानी पिया है!
इसकी उपाधि वेणकटक स्वामी की थी!
इसने शक राजा नहपान को हराया था!
✴️ विशिष्ठी पुत्र पुलवामी-
इस ने आंध्र प्रदेश को जीता आंध्र प्रदेश और अमरावती को अपनी राजधानी बनाई!
इसमें शक राजा रुद्रदामन को दो बार हराया!
इसके सिक्को मे दो पलटवार वाले जहाज के चित्र बना हुआ था!
इसे पुराणों में पुलोमा कहा गया है!
ब्राह्मणों को भूमि दान देने वाले प्रथम शासक सातवाहन ही थे!
मुफ्त दी जाने वाली भूमि को अग्रहर कहा जाता था!
सात वाहनों की राजकीय भाषा प्राकृत तथा लिपि ब्राह्मी थी!
इस वंश के समय भृगुकक्ष बंदरगाह था जिसे यूनानीयों ने बोरीगाजा बंदरगाह कहां है!
यह राजा मां को इज्जत देने के लिए उसका नाम अपने नाम के आगे लगाते थे!
✴️चेदि या महामेघवाहन वंश✴️
कलिंग मैं इस राजवंश की स्थापना प्रथम शताब्दी महा मेघवाहन ने की थी!
खारवेल किस वंश का प्रमुख राजा था जिसका संबंध हाथी गुफा अभिलेख से है!
यह वंश जैन धर्म से संबंधित है!
कलिंग की राजधानी दो थी- तोसली व जौगढ
इसी वंश के बाद इछवाकु, आभीर, चुटुशातकर्णो नामक वंशो का उदय हुआ!
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