अर्थशास्त्र- किसी राष्ट्रीय राज्य के धन व्यय का अध्ययन अर्थ अर्थशास्त्र कहलाता है जिसका वर्णन सर्वप्रथम चाणक्य की पुस्तक अर्थशास्त्र में मिलता है!
📀अर्थशास्त्र का पिता-
एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र का पिता कहा जाता है!
इस की पुस्तक का नाम Wealth of Nations (1776) था!
वेल्थ ऑफ नेशन में पूंजीवादी अर्थव्यवस्था पर बल दिया गया था!
📀 अर्थशास्त्र का पितामह-
अर्थशास्त्र का पितामह जे.एम.किन्स को कहा जाता है!
किसकी पुस्तक थी-
1. The general theory of employment
2. How to pay for war
अर्थव्यवस्था के प्रकार- उत्पादन के साधन के अनुसार अर्थव्यवस्था के तीन प्रकार होते हैं-
1.पूंजीवादी अर्थव्यवस्था
2.राज्य अर्थव्यवस्था
3.मिश्रित अर्थव्यवस्था
1. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था-
इस अर्थव्यवस्था में निजी क्षेत्रों की भागीदारी देखी जाती है!
यह अर्थव्यवस्था बाजार नियंत्रण नीति पर कार्य करती है!
इसका उद्देश्य लाभ कमाना होता है!
बाजार नियंत्रण नीति होने के कारण इसमें मांग पूर्ति तथा प्रतियोगिता बाजार में दिखाई देती है!
इस अर्थव्यवस्था का सबसे अच्छा उदाहरण संयुक्त राष्ट्र अमेरिका है!
2. राज्य अर्थव्यवस्था-
इस अर्थव्यवस्था का सबसे पहला वर्णन अपनी पुस्तक दास कैपिटल में कार्ल मार्क्स ने किया है!
इस अर्थव्यवस्था में सरकार का नियंत्रण होता है!
इस अर्थव्यवस्था का उद्देश्य जनकल्याण होता है!
यह अर्थव्यवस्था विकेंद्रीकृत होती है जिसमें प्रशासनिक ढांचा कार्य करता है और सरकार न्याय दंड विधि का प्रयोग करती है!
✴️राज्य अर्थव्यवस्था दो प्रकार की होती है-
1.समाजवाद अर्थव्यवस्था- इस अर्थव्यवस्था को सर्वप्रथम 1917 में रूस ने अपनाया था इस व्यवस्था में मजदूर सरकार का पूंजी में समान हस्तक्षेप होता है!
2.साम्यवाद अर्थव्यवस्था- यह अर्थव्यवस्था 1949 में चीन ने अपनाई थी इस अर्थव्यवस्था में सरकार का अर्थव्यवस्था पर पूर्ण हस्तक्षेप रहता है!
3. मिश्रित अर्थव्यवस्था- इसमें निजी तथा राज्य(सरकार) दोनों का हस्तक्षेप होता है इसका प्रमुख उदाहरण भारत है!
📀 अर्थव्यवस्था के क्षेत्र- अर्थव्यवस्था के भारत में 3 क्षेत्र पाए जाते हैं-
1.प्राथमिक क्षेत्र
2.द्वितीय क्षेत्र
3.तृतीय क्षेत्र
1. प्राथमिक क्षेत्र-
पर्यावरण प्रत्यक्ष रूप से इस क्षेत्र में दिखाई देता है उदाहरण के लिए कृषि मत्स्य पालन मधुमक्खीपालन इत्यादि!
अर्थव्यवस्था में 70% भागीदारी इसकी होती है!
इसमें भाग लेने वाले श्रमिकों को रेट कॉलर जॉब के अंतर्गत रखा जाता है!
Note- सरकारी नौकरी को लालफीताशाही जॉब कहते हैं!
2. द्वितीय क्षेत्र-
यह उद्योगों पर आधारित होते हैं!
इसके अंतर्गत लोहा उद्योग सूती उद्योग इत्यादि उद्योग आते हैं!
इसमें कुशल श्रमिकों को व्हाइट कॉलर जॉब तथा अकुशल श्रमिकों को ब्लू कॉलर जॉब कहते हैं!
3. तृतीय क्षेत्र-
यह क्षेत्र सेवा पर आधारित होता है जिस कारण इसे सेवा का क्षेत्र भी कहते हैं जैसे शिक्षा बैंक चिकित्सा इत्यादि!
अर्थव्यवस्था के प्रकार- अर्थव्यवस्था के क्षेत्रों के आधार पर इन्हें तीन भागों में बांटा गया है!
1.विकसित अर्थव्यवस्था
2.विकासशील अर्थव्यवस्था
3.पिछड़ी अर्थव्यवस्था
1. विकसित अर्थव्यवस्था-
विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देश वह देश होते हैं जिनमें तृतीय क्षेत्र की भागीदारी सर्वाधिक उसके बाद द्वितीय क्षेत्र के अंत में प्राथमिक क्षेत्र की भागीदारी होती है !
संयुक्त राष्ट्र अमेरिका फ्रांस जर्मन विकासशील देशों की श्रेणी में आते हैं!
2. विकासशील अर्थव्यवस्था-
विकासशील अर्थव्यवस्था वाले वह देश होते हैं जिनमें द्वितीय क्षेत्र की भागीदारी सर्वाधिक फिर प्राथमिक क्षेत्र और अंत में तृतीय क्षेत्र की भागीदारी होती है!
विकासशील अर्थव्यवस्था वाले देश भारत चीन पाकिस्तान इत्यादि हैं!
3. पिछड़ी अर्थव्यवस्था-
पिछले अर्थव्यवस्था में बहुत देश आते हैं जिनमें सर्वाधिक भागीदारी प्राथमिक क्षेत्र की फिर द्वितीय क्षेत्र की और अंत में तृतीय क्षेत्र की होती है!
इस अर्थव्यवस्था के अंतर्गत सूडान इंडोनेशिया कांगो इत्यादि देश आते हैं!
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