उत्तराखंड का भौगोलिक विभाजन आठ भागों में हुआ है उत्तर से दक्षिण दिशा में इनका क्रम निम्नलिखित है-
1- ट्रांस हिमालय(जैंक्सर श्रेणी,वृष्टि छाया प्रदेश)
2. वृहत् हिमालय(आंतरिक/मुख्य/महान हिमालय)
3. लघु हिमालय(मध्य हिमालय)
4. दून क्षेत्र
5. शिवालिक क्षेत्र
6. भाबर क्षेत्र
7. तराई क्षेत्र
8. गंगा के मैदान
1. ट्रांस हिमालय-
✴️इसकी खोज 1936 में स्वेन हैडन ने की थी!
✴️उत्तराखंड में इसका विस्तार 3 जिलों उत्तरकाशी चमोली है!
✴️यह भाग अवसादी शैल से बना है!
✴️यह टेथीज भ्रंश द्वारा बृहद हिमालय से अलग होती है
✴️ट्रांस हिमालय तथा बृहद हिमालय के मध्य के क्षेत्र को सचर जोन कहते हैं!
✴️इस क्षेत्र मे संकरे मार्ग (दर्रे) पाए जाते हैं!
✴️यह क्षेत्र 20 से 30 किलोमीटर चौड़ा तथा 3200 से 3500 मीटर ऊंचा है!
✴️इस क्षेत्र में वर्षा बहुत कम होती है क्योंकि यहां वृष्टि छाया प्रदेश हैं!
2. वृहद हिमालय-
इसे बर्फ का घर(हिमाद्री) भी कहा जाता है!
इस क्षेत्र मे ग्लेशियर पाए जाते हैं!
इसका निर्माण प्लाइस्टोसीन युग में हुआ है!
उत्तराखंड में इस की चौड़ाई 15 से 30 किलो मीटर तथा ऊंचाई 4500 से 7817 मीटर तक है!
इसमें गर्मी में अधिक वर्षा होती है तथा शीतकाल में यहां कम वर्षा होती है!
यहां रूपांतरित अवसादी ग्रेफाइट नीस शिष्ट चट्टाने पाई जाती है!
इस क्षेत्र में शीतोष्ण कटिबंधीय सदाबहार नुकेली पत्ती वाले वन पाए जाते हैं जैसे सागुन साल चीड़ इत्यादि
इसमें छोटी-छोटी घास के मैदान भी पाए जाते हैं जिन्हें बुग्याल प्यार कहते हैं फूलों की घाटी भी इसके अंतर्गत आती है!
भोटिया जनजाति यहां ग्रीष्म काल में कृषि करती है!
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