किसी राज्य का राष्ट्रीय या राष्ट्रीय का राज्य के नेतृत्व में धन का नियोजन करता है इसे ही आर्थिक नियोजन कहते हैं!
यह चार प्रकार का होता है-
1.आदेशात्मक- इस अर्थव्यवस्था में सरकार द्वारा एक आदेश दिया जाता है जिसका उपदेश जनकल्याण होता है इसको केंद्र से प्रशासन द्वारा चलाया जाता है तथा दंड विधि काम में ली जाती है!
2.निर्देशात्मक- विकेंद्रीकृत व्यवस्था होती है अर्थात निजी क्षेत्र का हस्तक्षेप होता है बाजार नियंत्रण विधि काम में ली जाती है!
3.संरचनात्मक
4.प्रकायात्मक
Note- संरचनात्मक और प्रकायात्मक नियोजन भारत अपनाता है!
✴️ भारत में आर्थिक नियोजन का इतिहास- आर्थिक नियोजन का जनक रूस को माना जाता है 1927-32 मे रूस के प्रधानमंत्री स्टेलिन ने पंचवर्षीय योजना शुरू की!
भारत में नियोजन का जनक पंडित जवाहरलाल नेहरू को कहा जाता है!
1934 मैं सर्वप्रथम नियोजन का प्रयास एम विश्वेश्वरैया ने किया है इसका वर्णन ने अपनी पुस्तक Planned economi of india मे किया है!
1938 में हरीपुरा कांग्रेस अधिवेशन (गांव में पहला अधिवेशन) जिसकी अध्यक्षता सुभाष चंद्र बोस कर रहे थे यहां राष्ट्रीय नियोजन समिति(NPC) का गठन हुआ जिसकी अध्यक्षता पंडित जवाहरलाल नेहरू ने की!
1944 मे 8 उद्योगपति ने मुंबई प्लान लाइट जिसकी अध्यक्ष अर्देशीर दलाल कर रहे थे यह पहली निजी क्षेत्र का प्रयास था तथा 15 वर्षीय योजना पर बल देता था
1944 में श्रीमन्नानारायण जी गांधीवादी योजना लाए!
1945 मे एमएन राव जनवादी प्लान(people plan) लाये!
1946 में केसी नियोगी राष्ट्रीय नियोजन समिति के अध्यक्ष बने बाद में योजना आयोग के जनक भी!
1950 जेपी नारायण सर्वोदय योजना का प्लान बताया!
15 मार्च 1950 को के सी नियोगी की सिफारिश में योजना आयोग का गठन हुआ जिसका कार्य था योजना तैयार करना वह समीक्षा करना इसका अध्यक्ष देश का प्रधानमंत्री होता है और उपाध्यक्ष कैबिनेट स्तर का मंत्री!
योजना आयोग 1 जनवरी 2005 को समाप्त हो गया और इसके स्थान पर नीति आयोग आया जो थिंक टैंक की भांति कार्य करता है!
योजना आयोग ने 12 योजनाएं बनाई थी! इसमें वित्त मंत्री रक्षा मंत्री शामिल थे परंतु राज्यों के मुख्यमंत्री और प्रशासक शामिल नहीं थे!
6 अगस्त 1952 को राष्ट्रीय विकास परिषद(NDC) का गठन हुआ जिसका कार्य था योजनाओं का अनुमोदन करना!
राष्ट्रीय विकास परिषद में सभी राज्यों के मुख्यमंत्री केंद्र शासित प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रशासक या उपराज्यपाल शामिल होते थे!
पूर्व वित्त मंत्री के.संथानम ने इसे सुपर कैबिनेट की संज्ञा दी थी!
इसने 11 योजनाओं का अनुमोदन किया था!
भारत में पंचवर्षीय योजनाओं की अवधारणा रूस से लाए थे जिसे भारत में लाने का श्रेय पंडित जवाहरलाल नेहरु जी को जाता है!
1951-1990 के समय को पर प्रोफेसर राजाकृष्णन् ने हिंदू वृद्धि दर की संज्ञा दी थी जिसका संबंध राष्ट्रीय आय से है!
No comments:
Post a Comment