🌅 पर्यावरण- पृथ्वी में उपस्थित सभी घटक पर्यावरण है! इसके अंतर्गत जलमंडल स्थलमंडल वायुमंडल जैवमंडल आता है!
Note- जैवमंडल ऐसा मंडल जो जल स्थल तथा वायु तीनों से संबंधित हो!
पर्यावरण के घटक-पर्यावरण के मुख्य दो घटक होते हैं- 1. जैविक घटक 2. अजैविक घटक
जैविक घटक- जीवित समूह जैसे- पेड़-पौधे इत्यादि!
अजैविक घटक- निर्जीव समूह जैसे- वायु जल
✴️पर्यावरण के अन्य घटक-
1.प्राकृतिक घटक- पेड़ पौधे जल वायु इत्यादि
2.मानव निर्मित घटक- भवन, सड़क इत्यादि
✴️पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कार्य- पर्यावरण संरक्षण के लिए किए गए कार्यों का वर्णन हम दो भागों में करते हैं विश्व द्वारा किए गए कार्य और भारत द्वारा किए गए कार्य-
⚫ विश्व द्वारा किए गए कार्य- विश्व द्वारा पर्यावरण के लिए किए गए मुख्य कार्य-
1.स्टॉकहोम सम्मेलन(स्वीडेन) -1972( पर्यावरण के क्षेत्र में किया गया प्रथम प्रयास
Note- स्टॉकहोम सम्मेलन के अगले ही वर्ष से 5 जून 1973 को पर्यावरण दिवस मनाया गया!
2. पृथ्वी सम्मेलन (रियो-20)- यूएनएफसीसीसी संगठन द्वारा 1992 में यह सम्मेलन कराया गया!
3.Cop इस की प्रथम बैठक ब
4. क्योटो प्रोटोकॉल- इसका आयोजन 1997 में जापान में हुआ!
5. मोन्ट्रियल प्रोटोकॉल- इसका आयोजन 16 सितंबर 1987 को कनाडा में हुआ 16 सितंबर को ओजोन संरक्षण दिवस मनाते हैं इस प्रोटोकॉल का संबंध ओजोन परत के संरक्षण से है!
✴️ भारत द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में किए गए कार्य- भारत द्वारा पर्यावरण के क्षेत्र में विभिन्न कार्य किए गए हैं जिनमें से कुछ कार्य मुख्य है-
1. 1985- पर्यावरण व वन मंत्रालय का गठन!
2. 1986- पर्यावरण संरक्षण अधिनियम
3. 1988- राष्ट्रीय वन नीति( देश के क्षेत्रफल का 33% वन होना चाहिए)
4. 2002- जैव विविधता संरक्षण अधिनियम
5. 2002- राष्ट्रीय जल नीति
6. 2004- राष्ट्रीय पर्यावरण नीति
7. 2010- एनजीटी का गठन
पर्यावरण से संबंधित महत्वपूर्ण दिवस-
2 फरवरी- विश्व नम भूमि दिवस
21 मार्च- विश्व वन दिवस
22 मार्च- विश्व जल दिवस
22 अप्रैल- विश्व पृथ्वी दिवस
22 मई- जैव विविधता दिवस
5 जून- पर्यावरण दिवस
16 सितंबर- ओजोन संरक्षण दिवस
✴️पारिस्थितिकी✴️
पारिस्थितिकी- जीव समूह का पर्यावरण से संबंधित पारिस्थितिकी कहलाता है! अर्थात जीव का वनस्पति मिट्टी वायु और जल से संबंधित पारिस्थितिकी है!
Note- 1. रेटर ने पारिस्थितिकी शब्द का प्रयोग 1865 में किया! अर्नेस्ट हैकल ने पारिस्थितिकी शब्द का प्रयोग 1869 मे किया!
✴️ पारिस्थितिकी तंत्र- एक विशेष क्षेत्र में सभी जीवधारी अपने पर्यावरण के साथ संपूर्ण जैविक इकाई बनाता है जिसे पारिस्थितिक तंत्र कहते हैं!
Note- पारिस्थितिकी तंत्र की संकल्पना सर्वप्रथम 1935 में एजी टान्सले ने की!
⚫ पारिस्थितिक तंत्र की विशेषताएं-
1.सुनिश्चित क्षेत्र
2.एक खुला तंत्र
3.कार्यशील क्षेत्रीय इकाई
4.इनकी अपनी उत्पादकता
✴️पारिस्थितिकी तंत्र के तीन संगठन भी होते हैं-ऊर्जा, जैविक और अजैविक
इकोटोन- घास तथा वन से संबंधित संकलन क्षेत्र
✴️ पारिस्थितिकी पिरामिड- किसी खाद्य श्रृंखला में अलग-अलग पोषण स्थल के जैविक समुदायों के बीच उनकी संख्या जैव भार उत्पादकता तथा ऊर्जा के आधार पर किया गया चित्रण प्रदर्शन जो सम्मानित एक सीधा या उल्टा पिरामिड की तरह होता है पारिस्थितिक पिरामिड कहलाता है यह तीन प्रकार का होता है-
संख्या पिरामिड- एक पारिस्थितिकी तंत्र में पोषण के स्थल के आधार पर अलग-अलग प्रजाति के जीव की संख्या दर्शाए जाती है जो पिरामिड रूप में सीधा होता है!
उर्जा पिरामिड- एक पारिस्थितिक तंत्र में जीवो के उर्जा के आधार पर पिरामिड सदैव सीधा बनता है!
जैवभार पिरामिड- किसी जीवित प्राणी में उपलब्ध कार्बनिक पदार्थ का कुल शुष्क भार उसका जैवभार कहलाता है! यह पिरामिड के रूप मे सीधा या उल्टा हो सकता है!
Note-अपघटक को पारिस्थितिक तंत्र का सफाई कर्मचारी कहते हैं!
✴️ पारिस्थितिकी तंत्र के प्रकार- यह दो प्रकार का होता है प्राकृतिक पारितंत्र और मानव द्वारा निर्मित पारिस्थितिक तंत्रl
प्राकृतिक पारिस्थितिकी तंत्र- वन समुद्र इत्यादि
मानव द्वारा निर्मित पारिस्थितिकी तंत्र- खेत प्रयोगशाला इत्यादि
✴️ पारिस्थितिक तंत्र को वनों का विनाश प्रदूषण जलवायु परिवर्तन प्रभावित करता है!
✴️ सबसे बड़ा पारिस्थितिकी तंत्र और अस्थाई पारिस्थितिकी तंत्र महासागरीय है!
✴️जैव विविधता✴️
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